हालात गंभीर हैं तो क्या,
हम हार सकते नहीं.
एकजुट सब मिलकर लडेंगे,
सब्र खो सकते नहीं.
माना, डरे सहमें हैं सभी,
बढ़ रहा है तम अभी.
मगर होगा इसका भी अंत,
आप घबराएँ नहीं.
सच है, 'डर गया सो मर गया,'
जागरूक जीत गया.
विराम दो, मन की उडा़न को,
अनर्थ कर दे न कहीं.
शांत मन से होती साधना,
ईश की आराधना.
वही है एक रक्षक हमारा,
हम उसे भूलें नहीं.
एकजुट सब मिलकर लड़ेंगे,
सब्र खो सकते नहीं.
हरिगीतिका छंद
(स्वरचित- अशोक प्रियबंधु
हजारीबाग, झारखंड)
*जयहिंद!!
* जय भारत!!
हम हार सकते नहीं.
एकजुट सब मिलकर लडेंगे,
सब्र खो सकते नहीं.
माना, डरे सहमें हैं सभी,
बढ़ रहा है तम अभी.
मगर होगा इसका भी अंत,
आप घबराएँ नहीं.
सच है, 'डर गया सो मर गया,'
जागरूक जीत गया.
विराम दो, मन की उडा़न को,
अनर्थ कर दे न कहीं.
शांत मन से होती साधना,
ईश की आराधना.
वही है एक रक्षक हमारा,
हम उसे भूलें नहीं.
एकजुट सब मिलकर लड़ेंगे,
सब्र खो सकते नहीं.
हरिगीतिका छंद
(स्वरचित- अशोक प्रियबंधु
हजारीबाग, झारखंड)
*जयहिंद!!
* जय भारत!!
बहुत सुन्दर.. सादर प्रणाम..
ReplyDeleteहम सबों का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए धन्यवाद
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