
भारत के लिए लड़ते, आज हमारे वीर.
रख के दिलों में भारत, माता की तस्वीर.
माता की तस्वीर, जो है प्राण से प्यारी.
यह धरा है जिसकी, कल्पित स्वर्ग से न्यारी.
कह अशोक कविराय,मिटे शोक दु:ख आफत.
खुशहाल रहे सदा, हमारा स्वदेश भारत.
कुणडलिया छंद
(स्वरचित- अशोक प्रियबंधु
हजारीबाग, झारखंड)
*जयहिंद 🏳🌈
* जय भारत🏳🌈
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